शोध पत्रिका - मेकल मीमांसा | Research Journal - Mekal Mimansa


मेकल मीमांसा- अर्धवार्षिक शोध पत्रिका
Print ISSN- 0974-0118

सन 2009 में आरंभ मेकल मीमांसा इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्य प्रदेश द्वारा प्रकाशित पीयर रिव्यूड शोध पत्रिका है | राष्ट्रभाषा हिंदी में प्रकाशित अर्धवार्षिक शोधपत्रिका ज्ञान-विज्ञान के सभी क्षेत्रों में मौलिक शोध को प्रकाशन हेतु स्वीकार करती है | शोध पत्रिका का उद्देश्य शोधार्थियों, नीति नियामकों, एवं वाणिज्यिक क्षेत्रों के ज्ञानवर्धन तथा संवर्धन हेतु उपयोगी नवोन्मेषी, मौलिक और नूतन शोध को सामने लाना है | प्रकाशन में उच्च मानकों को बनाए रखने हेतु पत्रिका के लिए एक निर्धारित, वस्तुनिष्ठ ब्लाइंड पीयर रीव्यू पद्धति से शोध पत्रों का चयन किया जाता है |

पत्रिका का उद्देश्य एवं क्षेत्र-

मेकल मीमांसा शोध पत्रिका का मूल उद्देश्य राष्ट्रभाषा हिंदी में गुणवत्तायुक्त मौलिक शोध को सामने लाना है | पत्रिका सैद्धांतिक, अनुप्रयुक्त एवं नीति निर्धारण आदि सभी क्षेत्रों में होने वाले अनुसन्धान को प्रकाशित करने का कार्य करती है | पत्रिका का विशेष आग्रह आदिवासी विकास से जुड़े स्तरीय, वस्तुनिष्ठ एवं वैज्ञानिक शोध को प्रकाशन हेतु मंच प्रदान करना है |

प्रकाशन आवृत्ति –

पत्रिका अर्धवार्षिक है एवं जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में अंकों के प्रकाशन की सामान्य आवृत्ति निर्धारित है |





संपादन मण्डल:


शोध पत्र प्रकाशन हेतु आमंत्रण


मेकल मीमांसा जुलाई – दिसंबर 2024 तथा जनवरी – जून 2025 अंक में प्रकाशन हेतु मौलिक शोध पत्र आमंत्रित | कृपया संलग्न निर्देशों का अनुपालन करते हुए शोध पत्र प्रेषित करें | यूजीसी केयर के निर्देशों के अनुरूप हम आंतरिक स्रोतों से सीमित मात्रा में लेखों का चयन कर पाते हैं | इसके अतिरिक्त समीक्षा/परिमार्जन आदि के उपरांत प्राप्त लेखों को प्राथमिकता दी जाती है |

Call for Papers for July-December 2024 and January-June 2025 Click here for details




लेखक हेतु सामान्य निर्देश-

1. अपना शोध पत्र यूनिकोड फ़ॉन्ट (कोकिला) में 16 पॉइंट साइज़ में टंकित कर दिए हुए मेल पते पर ई-मेल करें |
2. शोध पत्रों में स्पष्ट रूप से सन्दर्भों का उपयोग करें एवं सन्दर्भ हेतु ए.पी.ए (छठवां /सातवाँ संस्करण) शैली का अनुपालन करें | यह अनुपालन शोध के शीर्षक, बीच के सामग्री में, टेबल में एवं एंड नोट आदि सभी में अनिवार्य है |
3. शोधपत्र के आरंभ में अधिकतम 250 शब्दों का शोध-सारांश और अंत में उपसंहार अवश्य लिखें |
4. प्रकाशित होने के बाद शोधपत्र पर मेकल मीमांसा का सर्वाधिकार होगा और पुनः प्रकाशन हेतु मुख्य संपादक की अनुमति अनिवार्य होगी |
5. मेकल मीमांसा लेखकीय स्वतंत्रता के सिद्धांत का अनुपालन करती है फिर भी वाद-विवाद की स्थिति में अथवा आपत्तिजनक सामग्री, अपुष्ट सामग्री के सन्दर्भ में मुख्य संपादक का निर्णय अंतिम एवं मान्य होगा |
6. मेकल मीमांसा साहित्यिक चोरी की निंदा करता है एवं लेखकों से उच्चतम लेखकीय आदर्शों के अनुपालन की अपेक्षा रखता है |

विशेष अनुरोध- कोई भी लेख मुख्य संपादक के नेतृत्व में संपादक मंडल द्वारा चयनित किए जाने के बाद ब्लाइंड पीयर रीव्यू हेतु प्रेषित किया जाता है तथा रीव्यूयर की टिप्पणियों के अनुरूप लेख का प्रकाशन होता है | यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है और इस सन्दर्भ में कोई पत्र व्यवहार/मेल/फ़ोन कॉल नहीं करें | अंतिम निर्णय लेखकों को प्रेषित कर दिया जाएगा |

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